कविता के आनंद की अनुभूति सचमुच व्यक्तिगत है | यदि आप कविता प्रेमी है तो अपने आनंद का फैलाव आप को प्रफुल्लित कर जाता है जब आप उस कविता को किसी के लिये या अपने लिये पढ़ते हैं।
हमारे परिवार में कविता का अनुराग , रचनाधर्मी साहित्यप्रेमी पिता की देन है। आज भी एक सार्थक रचना को पढ़कर मन प्रसन्न हो उठता है, कभी विचारो को आधार मिलता है तो कभी उद्वेलित मन को आह्लाद। ’ सुरभित रचना’ के संकलन का आधार भी यही है।